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खबर , नई दिल्ली , चयन करें , 10-11-2018


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सारिका पंकज

पटना उपद्रव / डीएसपी व ट्रैफिक के सार्जेंट मेजर के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई: महिला सिपाहियों के पहुंच जाने के बाद सीएम आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई।


आईजी ने गृह सचिव और डीजीपी को सौंपी जांच रिपोर्ट

सीएम आवास की ओर जा रहीं बर्खास्त महिला सिपाहियों को पुलिस ने पकड़ा...


पटना. पुलिस लाइन में बगावत के मामले में अभी कुछ और अफसरों पर कार्रवाई होनी है। माना जा रहा है इस मामले में पुलिस लाइन के डीएसपी मसलेहउद्दीन और ट्रैफिक के सार्जेंट मेजर अनिल कुमार लपेटे में आ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार इन दोनों का तबादला हो सकता है। निलंबन भी हो सकता है। हालांकि इस बाबत कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।


सूत्रों की मानें तो अनिल पर आरोप है कि उन्होंने ट्रेनी महिला पुलिसकर्मी सविता कुमारी पाठक के बीमार होने पर नोटिस नहीं लिया। सूचना मिलने पर भी उन्होंने वरीय पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी। वहीं मसलेहउद्दीन के बारे में कहा जा रहा है कि वे और उनके करीबी मुंशी व अधिकारी छुट्टी देने में कई तरह से पुलिसकर्मियों को प्रताड़ित किया करते थे। पुलिस लाइन में कई तरह का खेल चल रहा था। उनपर कई तरह के गंभीर आरोप भी लगे हैं। ये दोनों भी कई सालों से पुलिस लाइन में जमे हैं।


इधर, पुलिस मुख्यालय ने जोनल आईजी नैयर हसनैन खान को 2 नवंबर को हुए उपद्रव की जांच कर रिपोर्ट देने का जिम्मा दिया था। आईजी ने मामले की बारीकी से छानबीन कर जांच रिपोर्ट गृह सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी केएस द्विवेदी को सौंप दी। रिपोर्ट में घटना के कारणों, महिला पुलिसकर्मी की मौत और उसके लिए जिम्मेवार, छुट्टी नहीं मिलने, पुलिस लाइन के हालात आदि का जिक्र है। 


बर्खास्त महिला सिपाहियों ने शुक्रवार को सीएम आवास की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने की कोशिश की। आठ महिला सिपाहियों को सीएम आवास की ओर जाते पुलिस ने पकड़ा। उन्हें थाने लाया गया। पूछताछ और सत्यापन के बाद सभी को छोड़ दिया गया। थानेदार ने कहा कि संदेह के आधार पर कुछ महिलाओं को पकड़ा गया था। वे पटना जू के दो नंबर गेट के पास संदिग्ध गतिविधि में पाई गई थीं। सत्यापन के बाद छोड़ दिया गया।


स्थानीय पुलिस को इस बात की भनक बहुत देर से लगी कि बर्खास्त महिला सिपाही सीएम आवास के आगे धरना देंगी। हुआ यह कि शुक्रवार की दोपहर आठ महिला सिपाही जू के पास पहुंची थीं। कई और बर्खास्त सिपाहियों को अलग-अलग लोकेशन पर आने को कहा गया था। सभी अलग-अलग टुकड़ी में सीएम हाउस के पास पहुंच धरने पर बैठ जातीं। आठ लड़कियां जब जू के पास से सीएम हाउस की ओर बढ़ गईं तब स्थानीय थाने को जानकारी हुई। आनन-फानन में सचिवालय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को पकड़  लिया।  


घटना में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों की हो रही पहचान : इस मामले में आईजी ने एसएसपी मनु महाराज से कई बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट मांगी है। एसएसपी उन बिंदुओं की जांच करने में जुटे हैं। इधर, पुलिस लाइन में हंगामा, तोड़फोड़ व मारपीट में शामिल 175 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। उनके खिलाफ बुद्धा कॉलोनी में केस दर्ज किए गए। पुलिस को इस बात की जानकारी मिली है कि इसमें अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस की तीन टीम उनका पहचान करने के साथ साथ ही सुराग लगाने में जुटी है। इधर जिन 175 पर केस दर्ज है, उनकी गिरफ्तारी होनी तय है। पुलिस गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेगी। सूत्रों का कहना है कि छठ के बाद पुलिस गिरफ्तारी वारंट लेने के लिए कोर्ट में आवेदन देगी। एसएसपी ने कहा कि इन 175 की गिरफ्तारी होगी। अन्य की पहचान करने में पुलिस जुटी है।


 बढ़ाई गई सीएम हाउस की सुरक्षा, चुप्पी साधे रहे अधिकारी : बर्खास्त महिला सिपाहियों की रणनीति की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सीएम आवास की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई। राजभवन के पास काफी संख्या में पुलिस बल को  लगाया गया। खुद डीएसपी सचिवालय राजेश प्रभाकर मौके पर घंटों डटे रहे। अधिकारी इस बाबत किसी तरह की जानकारी साझा करने से कतराते नजर आए।





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